स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम आदर्श महाविद्यालय महासमुंद में छत्तीसगढ़ रजत जयंती समारोह का शुभारंभ किया गया । माननीय विधायक श्री योगेश्वर राजू सिन्हा जी के मार्गदर्शन एवं माननीय श्री सतपाल सिंह पाली जनभागीदारी अध्यक्ष जी की विशेष सहयोग में तथा प्राचार्य प्रो. (डॉ.) अनुसुईया अग्रवाल डी. लिट् के निर्देशन में महाविद्यालय में छत्तीसगढ़ रजत जयंती समारोह के प्रथम दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें महाविद्यालय के बच्चों द्वारा भाषण प्रतियोगिता के माध्यम से छत्तीसगढ़ के गौरवशाली इतिहास और वर्तमान पर चर्चा की गई। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के पूजन अर्चन से हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री अमन वर्मा जी सम्माननीय जनभागीदारी सदस्य एवं मनुमोहन समाजसेवी उपस्थित रहें, कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था प्रमुख प्राचार्य प्रो. (डॉ.) अनुसूईया अग्रवाल डी.लिट् ने की तथा कार्यक्रम के संयोजक के रूप में वरिष्ठ प्राध्यापक (हिंदी) श्रीमती प्रतिमा चंद्राकर जी रही। स्वागत भाषण की कड़ी में श्री वर्मा ने कहा कि वर्मा जी ने कहा कि, छत्तीसगढ़ राज्य का गठन 1 नवंबर 2000 को हुआ था, जब यह मध्यप्रदेश से अलग होकर एक स्वतंत्र राज्य के रूप में अस्तित्व में आया और यह सिर्फ एक राजनीतिक बदलाव नहीं था, बल्कि एक सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान की पुनर्स्थापना भी थी। छत्तीसगढ़ केवल एक भूगोलिक क्षेत्र नहीं, बल्कि यह संघर्ष, संस्कृति और आत्मसम्मान की पहचान है। तत्पश्चात संस्था प्रमुख प्राचार्य प्रो. अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ आज आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और डिजिटल विकास के क्षेत्र में राज्य की उपलब्धियाँ सराहनीय हैं। यह जरूरी है कि युवा पीढ़ी इस विकास यात्रा को समझे और उसका हिस्सा बने। भाषण प्रतियोगिता जिसमें निहारिका ध्रुव बीएससी प्रथम सेमेस्टर, कशिश चंद्राकर बीकॉम प्रथम सेमेस्टर, शिवानी दबे बीए तृतीय सेमेस्टर, ट्विंकल साहू बीएससी तृतीय सेमेस्टर, हेमलता निषाद बी ए अंतिम वर्ष,निखिल साहू बीएससी तृतीय सेमेस्टर, चिराग साहू बीएससी तृतीय सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया और छत्तीसगढ़ की यात्रा को अपने-अपने दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया। छात्रों ने राज्य की उपलब्धियों और भविष्य की संभावनाओं पर गहरी अंतर्दृष्टि दी। एक छात्रा ने कहा, “छत्तीसगढ़ की असली ताकत इसकी सादगी, संस्कृति और लोकपरंपराओं में है, जिसे संरक्षित रखना हम युवाओं की जिम्मेदारी है।" एक अन्य छात्र ने कहा की “अगर हम शिक्षा और तकनीक को गांव-गांव तक पहुँचा सकें, तो छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में शुमार हो सकता है।”
इन विचारों ने न केवल कार्यक्रम में मौजूद जनसमूह को प्रभावित किया, बल्कि यह भी सिद्ध किया कि आज का युवा राज्य के विकास और उसकी पहचान के प्रति जागरूक है। कार्यक्रम का सफल संचालन श्री रवि देवांगन प्रोफेसर अर्थशास्त्र ने किया। हरिशंकरनाथ अतिथि व्याख्याता राजनीति विज्ञान एवं श्री चित्रेश बरेठ अतिथि व्याख्याता रसायन शास्त्र कार्यक्रम प्रभारी रहे। इस दौरान कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रोफेसर श्री रवि देवांगन अर्थशास्त्र, अतिथि व्याख्याता - श्री आलोक हिरवानी, श्री संजय कुमार, सुश्री माधुरी दीवान, डॉ. ग्लेडिस मैथ्यू, सुश्री खुशबू ग्रंथपाल, श्री शेषनारायण साहू लैब टेक्नीशियन श्री जगतारण बघेल लैब टेक्नीशियन, श्री नानक साहू कंप्यूटर ऑपरेटर एवं समस्त छात्र छात्राएं उपस्थित थे।